वीर तेजाजी की आरती

                  वीर तेजाजी की आरती




ॐ जय तेजल तपधारी, जय तेजल तपधारी।


काया कष्ट मिटावे, सरपण विष हारी।


ताहड़ पिता सुभागी,घर शिव अवतारी।


जन-जन गाँव खरनाल, हर्षित अती भारी।


बालक शीश नवावे, जन जन भय धारी।


परचा प्रथम नगर जन, बालक भैल करी।


प्रथम हाथ हल धरियो, अतुलित छबी थारी।


अन्न धन गेह अन्नता मंगल शुभकारी।


गाँव पनेर सिधारिया, लीलण असवारी।


लाछा हरष मनावे, गौ धन बलिहारी।


बासक आग बचायो, वचन दियो भारी।


वीर जाट जननी सूत, जिभिया डसू थारी।


जही घर कीरत तमहारी, रोग शोक हारी।


आनन्द मंगल सभी जन, पशू धन सुखकारी।


परम पूनित नाम सब, शोभा अती भारी।


जागै भाग्य अनन्ता,यश धन अधिकारी।


शरण गहै सुख पावे, योग युततिधारी।


काया कंचन समहो, मन शिव सुखकारी।



   ## वीर तेजाजी महाराज की जय ##

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