अमर शहीद प्रेम सिंह सारण
मातृ भूमी की रक्षा के लिए प्राणो की आहुति देने वाले बाड़मेर जिले की गिडा़ तहसील के शहीद प्रेम सिंह सारण ने अपने गाँव शहर का नाम बलिदान स्थलो में दर्ज कर ग्रामवासियो का मस्तक उँचा कर दिया। शहादत और बलिदान जैसे शब्द जहाँ केवल पढे़ सुने ही जाते थे अब ग्रामवासियो के अंतर्मन में बेठ चूके है। शहादत की रोशनी का दीप जलाकर भीड़ में छिपे गाँव शहर को देदीप्यमान करने वाले शहीद प्रेम सिंह सारण का जन्म 10 जनवरी 1990 को चौधरी श्री कुम्भाराम के घर तथा माता श्रीमती पेंपो देवी की पवित्र कोख से हुआ। शहीद के पिता किसान तथा माता ग्रहणी है। तीन भाइयों में शहीद सबसे छोटे थे सबसे बड़ा भाई चेतनराम थे जिनका दुर्भाग्यवश सड़क दुर्घटना में देहान्त हो गया। दुसरा भाई लालाराम वर्तमान में भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं। आपकी तीन बहने भीखों देवी, जमना देवी, व सोनी देवी है। बचपन से ही प्रेम सिंह विवेकशील साहसी तथा निडर प्रवृति के थे। भाइयों में सबसे छोटे होने के कारण पिता के सबसे लाडले थे। स्कूली शिक्षा गाँव से ही प्राप्त की। आपने एमडीएसयू विश्वविद्यालय अजमेर से स्नातक में प्रथम वर्ष किया। इसी दौरान अक्टूबर 2011 में आप...

Comments
Post a Comment